Home
My Quiz

संत गुरु घासीदास जी की 42 अमर वाणी – हिन्दी अनुवाद

Publish: 05 July 2024, 6:46 am IST | Views: Page View 122

संत गुरु घासीदास जी के द्वारा सभी मानव के लिए संदेश दिया गया है, यह 42 प्रकार के संदेश है, जिसे गुरु घासीदास जी के 42 अमरवाणी के नाम से जाना जाता है।

गुरु घासीदास जी का अमरवाणी छत्तीसगढ़ी में है, जिसका हिन्दी में अनुवाद योगेन्द्र धिरहे के द्वारा किया जा रहा है।

संत गुरु घासीदास जी की 42 अमर वाणी

42 अमर इस प्रकार से है‚ किसी प्रकार की भूल-चुक के लिए मांफ करें, और सूचित करें,

1 – सत ह मनखे के गहना आय।

हिन्दी अनुवाद – सत्य ही मानव का आभूषण है।


2 – मनखे-मनखे एक बरोबर।

हिन्दी अनुवाद – मानव-मानव एक समान।

जन्म से मनखे मनखे सब एक बरोबर होथे फेर कर्म के आधार म मनखे मनखे गुड अऊ गोबर होथे।


3- सतनाम ल जानव,समझव, परखव तब मानव।

हिन्दी अनुवाद – सतनाम को जानो, समझो, परखो फिर मानो।


4 – बइला-भईसा ल दोपहर म हल मत चलाव।

हिन्दी अनुवाद – बैल और भैस को दोपहर में खेत में न जोतो।


5 – सतनाम ल अपन आचरण में उतारव।

हिन्दी अनुवाद – सतनाम को अपने आचरण में उतारे।


6 – अंधविश्वास, रूढ़िवाद, परंपरावाद ल झन मानव।

हिन्दी अनुवाद – अंधविश्वास और रूढ़ीवाद परम्परा का त्याग कर दो।


7 – दाई-ददा अउ गुरू के सनमान करिहव।

हिन्दी अनुवाद – माता-पिता और गुरु का सम्मान करो।


8 – सतनाम ह घट घट में समाय हे, सतनाम ले ही सृष्टि के रचना होए हावय।

हिन्दी अनुवाद – सतनाम अपने अन्दर में है, इसी से हम जन्म लिए है।


9 – मेहनत के रोटी ह सुख के आधार आय।

हिन्दी अनुवाद – मेहनत करके भोजन करो, यही सुखी जीवन का आधार है।


10 – पानी पीहु जान के अउ गुरू बनावव छान के।

हिन्दी अनुवाद – पानी पीओ जानकर, गुरु बनाओ परखकर।


11 – मोर ह सब्बो संत के आय अउ तोर ह मोर बर कीरा ये। (चोरी अउ लालच झन करव।)

हिन्दी अनुवाद –


12- पहुना ल साहेब समान जानिहव।

हिन्दी अनुवाद – रिश्दारो को गुरु समान, साहेब, जानकर सम्मान जानना।


13 – इही जनम ल सुधारना साँचा ये। (पुनर्जन्म के गोठ झूठ आय।)

हिन्दी अनुवाद – इसी जन्म को संवारो, यही सच्चा है।


14 – गियान के पंथ किरपान के धार ये।

हिन्दी अनुवाद – ज्ञान का रास्ता ही, जीवन का आधार है।


15 – दीन दुःखी के सेवा सबले बड़े धरम आय।

हिन्दी अनुवाद – दुखी लोगों का सेवा सबसे बड़ा धर्म है।


16 – मरे के बाद पीतर मनई मोला बईहाय कस लागथे। पितर पूजा झन करिहौ, जीते-जियात दाई ददा के सेवा अऊ सनमान करव।

हिन्दी अनुवाद – मरने के बाद उसके नाम पर खाना न खिलाओ।


17 – जतेक हव सब मोर संत आव।

हिन्दी अनुवाद – सभी मानव मेरे लिए प्रिय है।


18 – तरिया बनावव, कुआँ बनावव, दरिया बनावव फेर मंदिर बनई मोर मन नई आवय। ककरो मंदिर झन बनाहू।

हिन्दी अनुवाद – मानव और जीवों के उत्थान के लिए कर्म करो।


19 – रिस अउ भरम ल त्यागथे तेकरे बनथे।

हिन्दी अनुवाद – जो गुस्सा और भ्रम का त्याग करता है, उसका कार्य सफल होता है।


20 – दाई ह दाई आय, मुरही गाय के दुध झन निकालहव।

हिन्दी अनुवाद –


21 – बारा महीना के खर्चा सकेल लुहु तबेच भले भक्ति करहु नई ते ऐखर कोनो जरूरत नई हे।

हिन्दी अनुवाद –


22 – ये धरती तोर ये येकर सिंगार करव।

हिन्दी अनुवाद – यह पूरी धरती का सबकुछ तुम्हारा है, इसको सुरक्षित और स्वच्छ रखो।


23 – झगरा के जर नइ होवय ओखी के खोखी होथे।

हिन्दी अनुवाद –


24 – नियाव ह सबो बर बरोबर होथे।

हिन्दी अनुवाद – न्याय सभी के लिए बराबर होता है।


25 – मोर संत मन मोला काकरो ल बड़े कइही त मोला सूजगा मे हुदेसे कस लागही।

हिन्दी अनुवाद – मेरा किसी से छोटा या बड़ा का तुलना न करना।


26 – भीख मांगना मरन समान ये न भीख मांगव न दव, जांगर टोर के कमाए ल सिखव।

हिन्दी अनुवाद – भीख मांगकर न खाओ, न भीख दो, मेहनत करके खाओ।


27 – सतनाम ह जीवन के आधार आय।

हिन्दी अनुवाद – सत्य ही जीवन का आधार है।


28 – खेती बर पानी अऊ संत के बानी ल जतन के राखिहव।

हिन्दी अनुवाद – खेती करके के लिए पानी और अपने जुबान को सम्हाल कर रखना।


29 – पशुबलि अंधविश्वास ये एला कभू झन करहु।

हिन्दी अनुवाद – पशु का बलि न दो, यह अंधविश्वास है।


30 – जान के मरइ ह तो मारब आएच आय फेर कोनो ल सपना म मरई ह घलो मारब आय।

हिन्दी अनुवाद – किसी की मृत्यु न करना, सपने में मारने की स्वप्न भी दुखदायक होता है।


31 – अवैया ल रोकन नहीं अऊ जवैया ल टोकन झन।

हिन्दी अनुवाद – आने वाले को आने दो, और जाते समय बार-बार न टोको।


32 – चुगली अऊ निंदा ह घर ल बिगाडथे।

हिन्दी अनुवाद – घर की बात दुसरो से न करें, और घर के लोगों की बुराई दुसरो से न करें।


33 – धन ल उड़ावव झन, बने काम में लगावव।

हिन्दी अनुवाद – धन को बर्बाद न करो, अच्छे कार्य में लगाओ।


34 – जीव ल मार के झन खाहु।

हिन्दी अनुवाद – जीवित जीव को मारकर न खाओ।


35 – गाय भैंस ल नागर म झन जोतहु।

हिन्दी अनुवाद – गाय और भैसिन को हल में न जोतो।

गाय और भईस को खेत की जुताई के लिए उपयोग न करों‚ जिस समय गुरूघासीदास जी थे उस समय गाय भईस को हल में जोता जाता था‚ आज उनके वाणी को मानकर लोग‚ गाय और भईस को खेत की जुताई के लिए उपयोग नहीं करते है।


36 – मन के स्वागत ह असली स्वागत आय।

हिन्दी अनुवाद – मन में स्वागत का भाव ही असल स्वागत है, बाहरी नहीं।

37 – जइसे खाहु अन्न वैसे बनही मन, जइसे पीहू पानी वइसे बोलहु बानी।

हिन्दी अनुवाद – जिस प्रकार का खाना खाओगे‚ पानी पिओगे उसी प्रकार का बात चित होगा।


38 – एक धुबा मारिच तुहु तोर बराबर आय।

हिन्दी अनुवाद –


39 – काकरो बर काँटा झन बोहु।

हिन्दी अनुवाद – किसी नीचा गिराने का कर्म न करों, बल्कि ऊँचा उठाओ।

अर्थ – संत घासीदास जी कहते है, किसी के लिए भी रास्ते में कांटा नहीं बोना चाहिए, और उदाहरण किसी के लिए गढ्ढा न खोदो, उसे गिराने के लिए।

इस वाणी के साथ गुरूजी मानव को संदेश देते है, हमें मिलजुल कर रहना चाहिए, कांटा बनने से दुश्मनी बढ़ता है, जबकि ऊँचा उठाने से दोस्ती बढ़ती जाती है।


40 – बैरी संग घलो पिरीत रखहु।

हिन्दी अनुवाद – दुश्मन के साथ भी प्रेम का रखना चाहिए।

अर्थ – हमें अपने दुश्मनों के साथ भी प्रेम का भाव रखना चाहिए‚ एक दिन एैसा वक्त आता है‚ कि विचार बदल जाते है‚ और दुश्मनि समाप्त हो जाती है।

जबकि दुश्मनी निकालने से दुश्मनी और बढ़ती है और जीवन बर्बाद होने लगता है‚ इसलिए दुश्मन से भी प्रेम का भाव चाहिए।


41 – अपन आप ल हीनहा अउ कमजोर झन मानहु, तहु मन काकरो ले कमती नई हावव।

हिन्दी अनुवाद – अपने आप को हिन (कमजोर, नीच,) न मानना, आप किसी से कमजोर नहीं हो।

लोगों को नीचा दिखाने के लिए, दबाने के लिए लोग क्या से क्या नहीं करते, इसलिए गुरु जी कहते है, अपने आप को कमजोर न मानना, घृणित न मानना, नीच न मानना, लोग तुमसे भेद भाव करेंगे, नीचा दिखाने के लिए लेकिन अपने आप को घृणित और कमजोर न मानना।

सभी मानव एक बराबर है, कोई छोटा बड़ा नहीं।


42 – मंदिरवा म का करे जईबो अपन घट के ही देव ल मनईबो।

हिन्दी अनुवाद – कोई मंदिर न जाओ, सब अपने शरीर में ही है, उसे बाहर न खोजो।

किसी को पूजने के लिए मंदिर न जाओ, जिसकी मंदिर में पूजा करने जा रहे हो, वह तुम्हारे अन्दर में है, और उसे बाहर में खोज रहे हो, मंदिर मंदिर भटक रहे हो।

बाहर न खोजो अन्दर खोजो।

Categories: Uncategorized