जीवन क्या है?
Publish: 18 March 2025, 2:40 am IST | Views: 131
जीवन एक निरंतर चलने वाला क्रम है, जो समय के साथ बदलता रहता है। यह एक परिवर्तनशील प्रक्रिया है, जिसमें प्रत्येक क्षण नया अनुभव और नई दिशा लेकर आता है।
हर व्यक्ति का अपना जीवन होता है?
हाँ, हर व्यक्ति का अपना अलग जीवन होता है। जन्म से लेकर मृत्यु तक की यात्रा को ही किसी व्यक्ति का जीवन कहा जाता है। हर व्यक्ति अपने विचारों, अनुभवों और परिस्थितियों के आधार पर अपना जीवन जीता है। कोई संघर्षों से लड़कर आगे बढ़ता है, तो कोई सुख-शांति की तलाश में जीवन व्यतीत करता है।
क्या निर्जीव का भी जीवन होता है?
अगर गहराई से देखा जाए, तो हाँ, निर्जीवों का भी अपना एक जीवन-क्रम होता है। उदाहरण के लिए, बीज जब धरती में गिरता है, तो उसका जीवन शुरू होता है। वह अंकुरित होता है, वृक्ष बनता है और अंत में मिट्टी में विलीन हो जाता है। इसी तरह हर एक पत्ते का जीवन होता है, हर एक नदी का जीवन होता है, और यहां तक कि हर एक पत्थर भी समय के साथ बदलता रहता है।
मानव जीवन के उतार-चढ़ाव
अगर हम मानव जीवन की बात करें, तो यह एक यात्रा की तरह है, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आते हैं। जीवन में सुख-दुःख, सफलता-असफलता, प्रेम-विरह और संघर्ष के अनेक रंग होते हैं। ये सभी अनुभव हमें मजबूत बनाते हैं और जीवन को जीने योग्य बनाते हैं।
जीवन का असली सार इसे पूरी तरह से जीने में है—हर क्षण को स्वीकार करने में, हर परिस्थिति से सीखने में, और आगे बढ़ते रहने में। जब हम जीवन को एक अवसर की तरह देखते हैं, तो यह और भी सुंदर और अर्थपूर्ण बन जाता है।
- योगेन्द्र धिरहे
Categories: Uncategorized
Tags: Jivan Kya Hai