छत्तीसगढ़ में जनपद पंचायत के कार्य
Publish: 28 February 2025, 4:11 am IST | Views: 842
परिचय: छत्तीसगढ़ में पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत जनपद पंचायत एक महत्वपूर्ण इकाई है। यह त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली की मध्यवर्ती इकाई होती है, जो ग्राम पंचायत और जिला पंचायत के बीच समन्वय स्थापित करने का कार्य करती है। जनपद पंचायत, विकासखंड (ब्लॉक) स्तर पर कार्यरत होती है और ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न कार्यों को निष्पादित करने की जिम्मेदारी निभाती है।
जनपद पंचायत की संरचना: जनपद पंचायत का गठन पंचायत राज अधिनियम के तहत किया जाता है। इसके सदस्य ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों, निर्वाचित सदस्यों, सांसदों, विधायकों तथा अन्य मनोनीत सदस्यों द्वारा मिलकर बनाए जाते हैं। जनपद पंचायत का प्रमुख जनपद अध्यक्ष होता है, जिसे जनता द्वारा चुना जाता है।
जनपद पंचायत के प्रमुख कार्य: जनपद पंचायत को ग्रामीण विकास, आधारभूत संरचना निर्माण और समाज कल्याण से जुड़े विभिन्न कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
- ग्राम विकास योजनाएँ:
- ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन।
- ग्राम पंचायतों से प्रस्तावित विकास कार्यों की समीक्षा और अनुमोदन।
- सार्वजनिक निर्माण कार्य:
- सड़कों, पुलों, नालियों और जल निकासी प्रणालियों का निर्माण एवं रखरखाव।
- स्कूल, सामुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्र आदि का निर्माण एवं प्रबंधन।
- कृषि एवं सिंचाई कार्य:
- किसानों के लिए सिंचाई सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
- कृषि प्रशिक्षण शिविरों एवं जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन।
- उन्नत कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना।
- शिक्षा एवं स्वास्थ्य:
- प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास।
- ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार एवं निगरानी।
- टीकाकरण और पोषण योजनाओं का संचालन।
- ग्राम उद्योग एवं स्वरोजगार:
- छोटे और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करना।
- महिला एवं युवा सशक्तिकरण हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- स्वच्छता एवं पेयजल व्यवस्था:
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को लागू करना।
- सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए योजनाएँ बनाना।
- जल संरक्षण और जल संचयन संबंधी उपाय करना।
- सामाजिक कल्याण योजनाएँ:
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन।
- वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन योजनाओं का संचालन।
- वित्तीय प्रबंधन एवं कराधान:
- स्थानीय करों, शुल्कों और अनुदानों का प्रबंधन।
- पंचायती योजनाओं के लिए बजट निर्माण और धन का उचित उपयोग सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष: जनपद पंचायत छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास के लिए एक सशक्त माध्यम है। यह न केवल आधारभूत संरचना और सेवाओं को बेहतर बनाने का कार्य करती है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से ग्रामीण जनता को सशक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उचित योजना और समुचित क्रियान्वयन के माध्यम से जनपद पंचायतें राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
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